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सहारनपुर पुलिस की बड़ी कामयाबी: नकली नोट बनाने वाले तीन वांछित आरोपी गिरफ्तार

यह कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहारनपुर के निर्देश पर अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान का हिस्सा थी।

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सहारनपुर पुलिस की बड़ी कामयाबी: नकली नोट बनाने वाले तीन वांछित आरोपी गिरफ्तार

सहारनपुर। जिले की पुलिस ने एक बार फिर संगठित अपराध पर करारा प्रहार करते हुए नकली नोट बनाने और तस्करी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। थाना सदर बाजार, थाना कुतुबशेर और स्वाट/सर्विलांस की संयुक्त पुलिस टीम ने तीन वांछित अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से बड़ी मात्रा में नकली नोट और नोट बनाने के उपकरण बरामद किए। यह कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहारनपुर के निर्देश पर अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान का हिस्सा थी।

पुलिस को लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि कुछ शातिर अपराधी संगठित तरीके से नकली नोट बनाकर बाजार में खपाने का धंधा कर रहे हैं। इस सिलसिले में थाना सदर बाजार पर उपनिरीक्षक रविन्द्र धामा की तहरीर पर मुकदमा अपराध संख्या 391/2025 धारा 179/180 बीएनएस पंजीकृत किया गया था, जिसमें पहले ही दो अभियुक्त गिरफ्तार होकर जेल भेजे जा चुके थे। इस मुकदमे के शेष तीन वांछित आरोपियों की तलाश पुलिस कर रही थी।

22 अगस्त 2025 को मुखबिर की सटीक सूचना पर पुलिस टीम ने लोको पायलट ट्रेनिंग सेंटर के सामने खाली पड़े रेलवे क्वार्टर पर छापा मारा और वहां से तीनों आरोपियों को दबोच लिया। गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम हैं – शशी उर्फ सर्वेस उर्फ राहुल गुप्ता पुत्र रामविलास विश्वकर्मा निवासी ग्राम नगेलिनपुर पटारा जिला कानपुर नगर, नवीन पासवान पुत्र अनिल पासवान निवासी मुकुल द्वार बेलपार थाना भडलगंज जिला गोरखपुर तथा करनवीर पुत्र बलजीत कुमार निवासी गिल्लौर थाना रादौर जिला यमुनानगर, हरियाणा।

पुलिस टीम ने जब उनके पास से बरामद सामानों की गिनती की तो होश उड़ गए। कुल ₹2,59,000 के नकली नोट (500-500 रुपये के), 06 मोबाइल फोन, 02 लैपटॉप, 01 प्रिंटर, 01 फोटो कटर, 01 लैपटॉप चार्जर, 20 कोरे सिक्योरिटी थ्रेड वाले पेपर, 52 शीट विकृत नोट, 06 आधार कार्ड, एक पर्स, एक जावा मोटरसाइकिल (HR 92 A 8333) और बल्ब मय डोरी व होल्डर बरामद किए गए। ये सभी सामग्री साफ तौर पर इस बात का प्रमाण है कि आरोपी बड़े स्तर पर नकली नोट बनाने का कारोबार कर रहे थे।

पूछताछ में आरोपियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए। उन्होंने बताया कि वे ऑनलाइन विदेशी वेबसाइटों और ऐप्स से सिक्योरिटी पेपर खरीदते थे। इसके बाद लैपटॉप और प्रिंटर की मदद से ₹500 के नकली नोट तैयार किए जाते थे। इन नकली नोटों को वे फेसबुक और इंस्टाग्राम पर बने फर्जी अकाउंट्स के जरिए ग्राहकों को बेचते थे। उनका तरीका यह था कि एक असली नोट के बदले ग्राहक को आधी कीमत पर नकली नोट दिए जाते थे। जैसे 500 रुपये का नकली नोट केवल 250 रुपये में बेच दिया जाता था। इस काम से उन्हें अवैध तरीके से मोटा मुनाफा मिल रहा था।

गिरफ्तार अभियुक्तों में नवीन पासवान का पुराना आपराधिक इतिहास भी है। उसके खिलाफ पहले से ही मुकदमा अपराध संख्या 586/24 धारा 406/420 भादवि थाना बड़हतगंज, जनपद गोरखपुर में मामला दर्ज है। यह साबित करता है कि वह अपराध की दुनिया में पहले से सक्रिय रहा है और लगातार संगठित अपराध में शामिल रहा है।

इस पूरी कार्रवाई में थाना सदर बाजार प्रभारी निरीक्षक रोजन्त त्यागी, प्रभारी निरीक्षक एच.एन. सिंह, प्रभारी निरीक्षक संजीव कुमार (स्वाट/सर्विलांस टीम) के साथ उपनिरीक्षक सुशील कुमार, रविन्द्र सिंह, रविन्द्र धामा, सुरेशवीर सिंह, अमरीश कुमार, रणवीर सिंह सहित बड़ी संख्या में हेड कांस्टेबल और सिपाही शामिल रहे। टीम की यह संयुक्त मेहनत ही रही कि इतने बड़े नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सका।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नकली नोटों का कारोबार देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद घातक है। ऐसे नोट आम जनता तक पहुंचकर न केवल वित्तीय नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि समाज में असुरक्षा की भावना भी पैदा करते हैं। यही कारण है कि पुलिस प्रशासन इस तरह के अपराधों पर कठोर कार्रवाई कर रहा है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहारनपुर ने स्पष्ट संदेश दिया है कि जिले में किसी भी कीमत पर संगठित अपराध और अवैध कारोबार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नकली नोटों की तस्करी करने वालों और उन्हें बढ़ावा देने वालों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अब इस मामले में यह भी जांच कर रही है कि क्या आरोपी किसी बड़े गिरोह से जुड़े हैं या फिर इस नेटवर्क का तार किसी अंतरराष्ट्रीय गिरोह से भी जुड़ता है।

गौरतलब है कि नकली नोटों का कारोबार न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती है बल्कि यह देश की आर्थिक व्यवस्था को भी कमजोर करता है। पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में नकली नोट गिरोह सक्रिय पाए गए हैं। सहारनपुर पुलिस की यह कार्रवाई उन सभी गिरोहों के लिए सख्त चेतावनी है कि अब ऐसे अपराध किसी भी हाल में नहीं बख्शे जाएंगे।

अंत में, इस पूरी कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पुलिस जब दृढ़ संकल्प और टीमवर्क के साथ काम करती है तो बड़े से बड़ा अपराधी भी ज्यादा देर तक बच नहीं सकता। सहारनपुर पुलिस की इस सफलता से जहां आम जनता में विश्वास बढ़ा है वहीं नकली नोट कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है।

रिपोर्ट एलिक सिंह संपादक

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